रविवार, 10 अक्तूबर 2010

भ्रष्टाचार को शिष्टाचार में बदल टैक्स लगा दे


भ्रष्टाचार को शिष्टाचार में बदल टैक्स लगा दे

ललकार से भय

कब तक ये निरीह खरबूजे की तरह कटते रहेगे .........


नक्सली - पुलिसिया दोनों ही कायर्वाही में मरण तो सिफ इन निरीह ग्रामीणों को है